*ईदुल फित्र की नमाज़ का सहीह तरीक़ा*
*ईदुल फित्र की नमाज़ का सहीह तरीक़ा*
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👉 *ईदुल फित्र की नमाज का तरीका वही है जो आमतौर पर "2 रकात" नमाज का है बस फर्क इतना ही है कि इसमें पहली रकात में सुरह फातेहा से पहले 7 सात जाईद तकबीर कहीं जाती और दूसरी में 5 पाँच*
📚 (सुनन अबु दाऊद-1150 तिर्मजी-536 इब्ने माजा-1278)
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👉 नोट- नमाज का ये तरीका *मर्द और औरत दोनों के लिए है* क्योंकि एक भी सहीह हदीस से औरतों का तरीका अलग साबित नहीं है❌
क्योंकि नबी (ﷺ) का वाजेह हुक्म है
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👉 *"नमाज़ उस तरह पढ़ो जिस तरह मुझे पढ़ते हुए देखते हो.*
📚 (सहीह बुख़ारी हदीस- 631)
📚 (सहीह बुख़ारी हदीस- 6008)
*सबसे पहले दिल मे नियत करना:-*
👉जुबान से नियत करना बिद्अत है।❌
*तमाम आमाल का दोरमदार नियत पर है।*
📚 (सहीह बुखारी हदीस-1)
👉 *फिर इमाम अल्लाह हु अकबर कहेंगा तो आप भी तकबीर कहें*
📚 (इब्ने माजा हदीस-803)
👉 *और हाथों को कंधे तक उठाये या कानों तक उठाये*
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📚 (सहीह मुस्लिम हदीस-865)
📚 (सहीह बुखारी हदीस-735)
📚(सहीह मुस्लिम हदीस-861)
👉 *फिर इमाम पहली रकात में "7 तकबीर" और दुसरी रकात में 5 तकबीर कहना हैं*
👆 *तकबीरें "किरात (सूरह फ़ातिहा पढ़ने) से पहले" कहना है*
📚(अबु दाऊद हदीस:-1145-1146)
📚(तिर्मजी शरीफ हदीस-536)
📚(सुनन इब्ने माजा हदीस-1278)
📚 (अबु दाऊद हदीस-1152,)
📚(सुनन इब्ने माजा हदीस-1277)
👆 *हर तकबीर के साथ रफायदैन करना जाईज है,क्योंकि हजरत अब्दुल्ला बिन उमर रदीयल्लाहो अन्हो की मौकूफ रिवायत है कि नबी (ﷺ) रूकू से पहले की हर तकबीरात पर रफायदैन करते थे*
📚 (अबु दाऊद हदीस-722)
👆 *7 मर्तबा जाईद तकबीर के साथ हाथ उठाना और बाँधना हैं।*
👉फिर सात जाईद तकबीर के बाद *जब इमाम सुरह फातेहा पढे तो आप आहिस्ता से सुरह फातेहा पढे*
📚 (सहीह बुखारी हदीस-743)
📚(सहीह मुस्लिम हदीस-878)
👆 *अगर सुरह फातेहा नहीं पढ़ी तो नमाज वापस पढनी होगी क्योंकि उस शख्स की कोई नमाज नहीं जिसने सुरह फातेहा न पढ़ी।*
📚 (सहीह बुखारी हदीस-756)
📚(सहीह मुस्लिम हदीस-874,875,876)
*फिर सूरह पढ़ना*
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*सूरह में पहली रकअत में "सूरह क़ाफ़" या सूरह आला" दूसरी में "सुरह अल-क़मर" या सूरह गाशिया" पढना नबी ﷺ से सबित है,*
👆 लेकिन अगर किसी को ये याद ना होतो कोई भी सुरह पढ़ सकता है।*
📚[अबु-दावूद:# 1155]
📚 (अबु-दावूद-1122)
*फिर रुकू सुजूद के बाद दूसरी रकअत के लिए खरे हों।*
*दूसरी रकअत के लिए खरे हों तो*
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*इमाम 5 मर्तबा जाईद तकबीर कहेगा*
📚 (अबु दाऊद हदीस-1150)
📚(तिर्मजी हदीस-536)
📚(सुनन इब्ने माजा हदीस-1278)
👆 *दूसरी रकात में भी जाईद तक्बीरे किरात से पहले कहीं जायेगी*
📚 (अबु दाऊद हदीस-1152)
📚(सुनन इब्ने माजा हदीस-1277
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*फिर सब तकबीर के साथ रफायदैन करें*
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📚 (अबु दाऊद हदीस-722)
👆 *पाँच मर्तबा जाईद तकबीर के साथ हाथ उठाना और बाँधना है*
👆 *इसके बाद पहली रकात की तरह कयाम,रूकू और सज्दा करे।*
*तशह्हुद में बैठें फिर तशह्हुद की सारी दुआ पढ़ कर सलाम फेर दें.*
👉 *दाएं और बाएं ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह ’ कहते हुए सलाम फेर दे.*
📚 (सहीह बुख़ारी हदीस-838, सहीह मुस्लिम हदीस-1315, तिर्मजी हदीस-295)
( *हर बात दलील के साथ*)
📱 *Forward ज़रूर करे (अल्लाह अज्र देगा इंशा-अल्लाह)*
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