*गैरुल्लाह के नाम का खाना या किसी के नाम से "फातेहा" करना क्यों जाएज़ नहीं।*?
*गैरुल्लाह के नाम का खाना या किसी के नाम से "फातेहा" करना क्यों जाएज़ नहीं।*?
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अल्लाह ने कहा:-👇
👉 *तुम पर “मुर्दा जानवर” और “बहता हुआ ख़ून” और “सूवर का गोश्त” और हर वो चीज़ “जिस पर अल्लाह के सिवा दूसरो का नाम पुकारा” जाए हराम है.*
📚(सुरह बकराह 2/173)
📚(सुरह माईदा 5/03)
📚(सुरह अनम 6/145)
📚(सुरह नहल 16/115)
👆 *यहाँ अल्लाह ने कहा की, वो “खाना” जिसपे अल्लाह के अलावा किसी और का नाम ले कर खाया जाए वो हराम है. (जो लोग फातेहा पढ़ते हैं और दुसरे का नाम लेते हैं, उनको ये समझना चाहिए की ऐसा करना हराम है) दूसरी बात जिस अमल को नबी ﷺ ने नही किया, न ही सहाबा (र) ने ऐसा किया, तो हम क्यों करे? नेकी वही है जो रसूल अल्लाह ﷺ और सहाबा (र) का तरीका है. हमे उसी तरीक़े पे चलना चाहिए.*
*अल्लाह* ने कहा:-👇
👉 *अल्लाह की बात मानो और अल्लाह के रसूल ﷺ की बातमानो.*
📚[अलकुरआन 04:59]
( *हर बात दलील के साथ*)
📱 *Forward ज़रूर करे(अल्ल्लाह अज्र देगा)*
*Achhi ilm Hasil krne ke liye*
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