*वुज़ू का सही तरीक़ा क़ुरआन और सुन्नत की रौशनी में:-* 👇👇
*वुज़ू का सही तरीक़ा क़ुरआन और सुन्नत की रौशनी में:-* 👇👇
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👉 1) *वुज़ू के लिए "दिल में नियत करें"*
📚 (सहीह बुखारी 01)
📚(सहीह मुस्लिम 1907)
👉 2) *फ़िर “बिस्मिल्लाह” पढ़े.* (पूरा "बिस्मिल्लाह हीर रहमा नीर रहीम" पढ़ना साबित नहीं।
📚( अबु दाऊद 101,)
📚(इब्ने माज़ा 399)
📚(अहमद 30/41 )
📚(हाकिम 1/147)
👉 3) *फिर अपनी हथेलियों को “तीन” बार धोएं।*
👉 ( *वुज़ू वाले हिस्से को एक-एक बार या दो-दो बार धोना भी दुरुस्त है।*)
📚(सहीह बुखारी 1910)
📚(सहीह मुस्लिम 235)
📚( सहीह बुखारी 157-158)
👉 4) *फिर “तीन बार” कुल्ली करें और नाक में पानी डालें।*
📚(सहीह बुखारी 191)
📚(सहीह मुस्लिम 235)
👆 *नोट:-* वाज़ेह रहे के *कुल्ली करने और नाक में पानी डालने का जो तरीक़ा रसुल अल्लाह ﷺ से साबित है वो एक ही चुल्लू से कूल्ली भी कि जाएं और नाक में पानी भी डाला जाए।* हालांकि *उस्मान रजि० से और अली रजि० से कुल्लि और नाक के लिए अलग अलग पानी लेना भी साबित है।* लिहाज़ा बेहतर ये है कि एक ही पानी से कुल्ली भी कि जाएं और नाक में पानी भी डाला जाए लेकिन अगर कोई अलग कुल्ली और अलग अलग नाक में पानी डालता है तो भी जायज़ है।
📚( तारिख अल कबीर , इब्ने खुजैमा , 1910)
👉 5) *फिर “तीन बार” चेहरे को धोएं, चौथी बार में कान से लेकर (दुसरे) कान तक और लंबाई में बालों के उगने की जगह से दाढ़ी के निचले हिस्से तक।*
📚 (सहीह मुस्लिम 235)
👉 6) *इसके बाद दोनों हाथों को उंगलियों के सिरे से लेकर कोहनियों तक तीन तीन बार धोएं, पहले सीधे हाथ को फिर उल्टे हाथ*
📚 (बुखारी 185,सहीह मुस्लिम 235)
👉 7) *फिर अपने सर का एक बार मसह करें, हाथों को तर करके सर के अगले हिस्से से मसह शुरू करें और सर के पिछले हिस्से (गुद्दी) तक ले जाए फ़िर इसी तरह पीछे से आगे की तरफ ले आए।*
📚(सहीह बुखारी 185)
📚(सहीह मुस्लिम 235)
❌ *गर्दन (Neck) का मसाह करना किसी सही हदीस से साबित नहीं।*
👉 8) *फिर कानों का मसाह भी एक बार करें,* शहादत की उंगली से कान के अंदरूनी हिस्से का मसाह करे और अंगूठे से कान के बाहरी हिस्से का।
📚 (इब्ने माज़ा 439)
📚 (तिर्मिजी 361)
👆 *नोट:-* कानों के मसाह के लिए अलग से पानी लेना हदीस से साबित नहीं है।❌
👉 9) *और फिर आख़िर में दोनों पैरों को तीन तीन बार धोएं* (उंगलियों के सिरे से टखने तक, पहले सीधे पैर को फिर उल्टे पैर को)
📚 (सहीह बुखारी 1934)
📚(सहीह मुस्लिम 236)
👆 *याद रहें इसके अलावा कोई भी काम वुज़ू में ख़ुद से करना बिदअत है।*❌
📚(सहीह बुखारी:2697)
📚(सहीह मुस्लिम :4492)
( *हर बात दलील के साथ)*
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