*नियत के मायने इरादा होता है और इरादा दिल से किया जाता है ना कि ज़बान से इसीलिए नमाज़ के लिए नियत दिल में करनी चाहिए ना कि ज़बान से*
*नियत के मायने इरादा होता है और इरादा दिल से किया जाता है ना कि ज़बान से इसीलिए नमाज़ के लिए नियत दिल में करनी चाहिए ना कि ज़बान से*
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👉 ज़बान से नियत करने का कोई सबूत ना तो रसूल अल्लाह ﷺ से है और ना किसी सहाबी या ताबियीन आदि से
_*👉 ये सच है कि अमल कि बुनियाद नियत होती हैं*_
📚 बुखारी 1
👉 लेकिन नियत दिल के इरादे का नाम है, ना कि ज़बान से दोहराएं जाने का
👉 इब्ने तयमिया रह० ने कहा नियत दिल के इरादे को कहते है और इरादे का मकाम दिल है ज़बान नहीं।
📚 फतावा कुबरा 1/1
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