"3 तलाक़" और "हलाला" "संविधान" (Constitution) की रौशनी में।*
*"3 तलाक़" और "हलाला" "संविधान" (Constitution) की रौशनी में।*
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👉इस बात का *कोई भी सही सबूत (Proof) नहीं है कि कितने लोगों का "3 तलाक़" हुआ है।*
👉क्युकी *ना ही जनगणना (Census) की कोई रिपोर्ट" है, और ना ही शासन (Govt.) ने कोई "सर्वेक्षण" (Survey) करवाया।*
*👉 जहां तक इसकी बात है कि मुसलमानों में 3 तलाक़ ही होता है, तो ये बात बिल्कुल ग़लत है,* क्युकी "मुसलमानों" में ऐसा नहीं होता है, और जो कुछ लोगों ने भारत (India) में किया है, वो ज्ञान (Knowledge) ना होने की वजह से किया है।
🛑(जिसके होने का विश्व स्तर पर मूल्यांकन बहुत कम है।)
लेकिन मीडिया ने ऐसा दिखाया है कि ऐसा ही होता है।
👉 हमें मीडिया की बात में ना रहकर हमें सर्वेक्षण (Survey) करवाना चाहिए । लेकिन "सरकार" (Govt) ने ऐसा नहीं करवाया, ना ही "विधि आयोग" (Law Commission) ने ।
*👉 जनगणना 2011 के हिसाब से तलाक़ रेट* "हिंदु में 0.76%" है और "मुसलमानों में 0.56%" है (मतलब हिंदु में ज़्यादा है, मुसलमानों से)
*फिर भी मीडिया ने इस बात को कभी नहीं बताया।*
*👉"संविधान" (Constitution) का आर्टिकल 25-28 "धर्म की स्वतंत्रता" (Freedom of Religion) की बात करता है। जिसमें ये है कि कोई अपने धर्म को जैसे भी हो फ़ॉलो (Follow) कर सकता हैं, इसमें शासन (Govt) का कोई हस्तक्षेप (Intervention) नहीं होना चाहिए।* फिर भी शासन (Govt) ने बिना कोई सर्वेक्षण (Survey) करवाए इस मामले में हस्तक्षेप किया *जो की "संविधान" के हिसाब से "ग़लत" है।*
*👉हलाला :-*
👉इस बात का *कोई भी सही सबूत (Proof) नहीं है कि कितने लोगों का "हलाला" हुआ है।*
👉क्युकी *ना ही जनगणना (Census) की कोई रिपोर्ट" है, और ना ही शासन (Govt.) ने कोई "सर्वेक्षण" (Survey) करवाया।*
👉 जहां तक *हलाला की बात है तो ये भी इस्लाम में जायज़ नहीं है,* लेकिन मीडिया ने इसे इतना फैलाया की लोग इसे जायज़ समझे।
*पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने* इसको अपने समय (Zamane) में भी *"हराम"* कह दिया था।
📚इब्ने माजा :- 1936
*(हर बात दलील के साथ)*
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*👉 ए मेरे वतन के लोगों, अब आओ कुछ ऐसा काम करे*
*👉 इस मुल्क से नफ़रत ख़त्म करे, आपस में मोहब्बत आम करे*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय हिंद*
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