आफत और आज़माइश


 आफत और आज़माइश  
अगर आप के साथ परेशानिया आ रही हैं नमाज़ पढने और दीगर इबादत करने का बाद भी  तो वो आफत और आज़माइश  दोनों हो सकती है लेकिन दोनों में से क्या है वो जानने के लिया आपको ये देखना होगा की आपकी इबादत का  तरीका रसूलल्लाह   के तरीका पे है या नही ?क्यों आजमेश तकवे वाले इन्सान को आती है और तकवा तभी आता है जब आपकी इबादत रसूलुल्लाह के तरीका पे होगी , इसके लिया आपको अपने इबादत के तरीके के बारे में  जानना चाहिए की आप जिस तरीके पे हैं वो रसूलुल्लाह   का तरीक़ा है या नही
इसके लिए आपको अल्लाह की किताब  कुरान और रसूलुल्लाह की जिंदगी हदीस
 (सही बुखारी, सही मुस्लिम, वगैरा )पढ़ कर जानना चाहिए की आप जो इबादत कर रहे हैं वो सही है या नही
क्युकी इबादत अगर रसूलुल्लाह  की तरह नहीं हुई तो वो कुबूल ही नही होगी
📚(SAHI BUKHARI  631)
 (👉 हर बात दलील के साथ)
अल्लाह हम सबको रसूलुल्लाह की इबादत के तरीके चलने  वाला बनाये आमीन




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