लैलतुल-क़दर और उसके कुछ फ़ज़ीलत
लैलतुल-क़दर
और
उसके
कुछ
फ़ज़ीलत
लैलतुल-क़दर आखरी अशरे की तक रातो में से एक है
रसूलल्लाह सल्ललाहु-अलैहिवासलं ने फरमाया इसको आखरी अशरे की तक रातो में तलाश करो 📚(Sahi
bukhari:2016)
रसूलल्लाह
सल्ललाहु-अलैहिवासलं
ने फरमाया जिसने लैलतुल-क़दर का क़ायम ईमान के साथ और सवाब की नियत से किया उसको पिछले गुनाह (सगीर) माफ़ कर दिया जाएंगे
📚[Sahi
muslim:1781]
क़ुरआन में अल्लाह
ने
फरमाया
إِنَّا أَنْزَلْنَاهُ فِي لَيْلَةِ الْقَدْرِ وَمَا أَدْرَاكَ مَا لَيْلَةُ الْقَدْرِ لَيْلَةُ الْقَدْرِ خَيْرٌ مِنْ أَلْفِ شَهْرٍ تَنَزَّلُ الْمَلَائِكَةُ وَالرُّوحُ فِيهَا بِإِذْنِ رَبِّهِمْ مِنْ كُلِّ أَمْرٍ سَلَامٌ هِيَ حَتَّىٰ مَطْلَعِ الْفَجْرِ. 📚[Quran
sura al Qadr sura no. 97 (1-5)]
इस रात में क़ुरान नाज़िल किया गया या रात हज़ार महीनों से बेहतर है लेहाज़ा जिसने इस रात की इबादत को पा लिया उसने हज़ार महीनों से भी ज़्यादा इबादत को पा लियाइस रात में फरिश्ते अपने सरदार हज़रत जिब्राइल (as) के साथ नाज़िल होते है जो रहमत और बरकत की अज़ीम निशानी है या रात सरासर स्लामित है इस रात में पूरे साल की तकदीर या तमाम मालूमात साल के फैसले लोहे महफूज़ से निकल कर फरिश्तो को सौप दिया जाता है
📚[Quran:dukkah:44 ]
इस रात की दुआ या है
اللَّهُمَّ
إِنَّكَ
عُفُوٌّ
تُحِبُّ
الْعَفْوَ
فَاعْفُ
عَنِّ
अल्लाहुम्मा इनका अफऊँ तोहिब्बुल अफवा फॉफओ नई अल्लाह तू अफा और दरगुज़र करने वाला मेहरबान है और अफा ओर दरगुज़र करने को पसंद करता है इस लिए तू हमे माफ और दरगुज़र कर दे
📚[Tirmizi:3513]
(👉 हर
बात
दलील
के
साथ)
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